How online scams happen and how to avoid them
लग ना जाए डिजिटल मनी में सेंध scams,internet scams,
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फेस्टिव सीजन के दौरान लोग ऑनलाइन शॉपिंग भी खूब करते हैं
पर इसके साथ साइबर फ्रॉड का खतरा भी बढ़ जाता है इस दौरान साइबर अपराधी
आपकी डिजिटल मनी में सेंध भी लगा सकते हैं|
आपकी डिजिटल मनी में सेंध भी लगा सकते हैं|
जाने सूज भुज से ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है?
फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है इस दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के लुभावने ऑफर के कारण लोग ऑनलाइन
शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं|
शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं|
ऑनलाइन शॉपिंग सुविधाजनक तो है लेकिन इसके साथ ठगी के मामले भी बढ़ जाते हैं|
टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के एक ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है की ऑनलाइन फ्रॉड के कारण
भारत के 68 फ़ीसदी लोगों ने किसी ना किसी तरीके से अपनी मेहनत की कमाई ठगों के हाथों गंवा दी है|
टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के एक ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है की ऑनलाइन फ्रॉड के कारण
भारत के 68 फ़ीसदी लोगों ने किसी ना किसी तरीके से अपनी मेहनत की कमाई ठगों के हाथों गंवा दी है|
माइक्रोसॉफ्ट के टेक सपोर्ट सकैम सर्वे 2018 के मुताबिक हैकर या ठग गैंग फोन कॉल के जरिए लोगों
से जुड़ते हैं और टेक्निकल सपोर्ट सर्विस का हवाला देकर उनसे बैंकिंग से जुड़ी तमाम जरूरी जानकारियां
हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा लेते हैं |
से जुड़ते हैं और टेक्निकल सपोर्ट सर्विस का हवाला देकर उनसे बैंकिंग से जुड़ी तमाम जरूरी जानकारियां
हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा लेते हैं |
ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों का शिकार सिर्फ वही लोग नहीं बनते हैं जिन्हें ऑनलाइन बैंकिंग और मोबाइल
ऐप्स की कम जानकारी है बल्कि टेक फ्रेंडली लोग भी अनजाने में ऐसे फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं रिपोर्ट के मुताबिक
भारत के करीब 40 फ़ीसदी लोगों इस ऑनलाइन स्कैम का शिकार लगभग बंद ही गए थे लेकिन उन्होंने कोई
महत्वपूर्ण जानकारी ठगों को नहीं दी जबकि 80 फ़ीसदी लोगों ने अलर्ट होकर उस ऑनलाइन फ्रॉड से किनारा
कर लिया|
ऐप्स की कम जानकारी है बल्कि टेक फ्रेंडली लोग भी अनजाने में ऐसे फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं रिपोर्ट के मुताबिक
भारत के करीब 40 फ़ीसदी लोगों इस ऑनलाइन स्कैम का शिकार लगभग बंद ही गए थे लेकिन उन्होंने कोई
महत्वपूर्ण जानकारी ठगों को नहीं दी जबकि 80 फ़ीसदी लोगों ने अलर्ट होकर उस ऑनलाइन फ्रॉड से किनारा
कर लिया|
ऑनलाइन ठगी:
अगर आप ऑनलाइन पेमेंट के दौरान सेफ वेबसाइट या पेमेंट चैनल नहीं
चुनते हैं तो कार्ड से संबंधित जानकारी चुरा कर थक आपको बड़ी चपत लगा सकते हैं|
कई बार ठग लोकप्रिय वेबसाइट के नाम से मिलती-जुलती एक दूसरी साइट बना देते हैं |
जब आप उसे ओपन करेंगे तो ओरिजिनल साइट से अंतर करना मुश्किल हो जाता है|
यहां प्रोडक्ट पर दिए गए आकर्षक ऑफर में फस कर लोग ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं या फिर ऑनलाइन शॉपिंग के लिए यूज किए गए बैंक अकाउंट क्रेडिट कार्ड नंबर सीवीवी नंबर आदि को ठग धोखे से हासिल कर लेते हैं|
इस तरह की ठगी से बचने के लिए जरूरी है कि सिर्फ सुरक्षित वेबसाइट पर ही अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का ब्यौरा दें| सुरक्षित वेबसाइट के यूआरएल की शुरुआत https:// से होती है न की http:// से|
कई सारे दूसरे एप्स भी होते हैं| कई बार लोग गलती से क्लोन एप को ही
असली समझ कर डाउनलोड कर लेते हैं और उन्हीं पर शॉपिंग करने लगते हैं|
ठग इसी के जरिए लोगों का पैसा गायब कर देते हैं|
अगर बहुत ज्यादा टेक फ्रेंडली नहीं है तो फिर इस इ कॉमर्स साइट का
ऐप डाउनलोड करना चाहते हैं उसकी साइट पर जाकर वहां से डाउनलोड करें|
सिम स्वाइप और ओटीपी से ठगी: यह ऑनलाइन ठगी का नया ट्रेंड है|
इस समय तक एक नकली आईडी प्रूफ लेकर मोबाइल ऑपरेटर के पास जाता है
और आपके नाम का डुप्लीकेट सिम कार्ड हासिल कर लेता है|
ऑपरेटर आपका ओरिजिनल सिन डीएक्टिवेट कर देता है|
इसके बाद ठग आपके फोन के जरिए वन टाइम पासवर्ड बनाता है
और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर लेता है|
इतना ही नहीं आजकल ठग बैंक जाकर भी किसी और के खाते को
अपना बताकर फोन नंबर चेंज करा लेते हैं फिर ओटीपी हासिल कर अकाउंट खाली कर देते हैं|
इस तरह की ठगी से बचने के लिए जरूरी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर किसी के नंबर पर मैसेज ना करें ना ही ओटीपी क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड की डीटेल्स शेयर करें|
ऑनलाइन फ्रॉड बच्चे लिए साफ साथ जा रह भी जरूर है|
छोटी बातें बड़े फायदे
* कभी भी अपना कार्ड और पिन नंबर साथ में ना रखें और ना ही कार्ड पर अपना पिन लिखें|
* कार्ड पर मोबाइल अलर्ट एक्टिव करके रखें| अगर कार्ड खो जाए तो तुरंत बैंक को सूचित करें|
* मशीन में स्वाइप करने के लिए कार्ड भी किसी और के हाथों में ना दें|
खुद ही स्वाइप करे\
* मोबाइल में कार्ड की फोटो खींच कर ना रखें|
* यदि बैंकिंग के लिए अपने फोन में कोई मोबाइल ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अच्छे एंटीवायरस से सुरक्षित कर ल|
* कभी भी स्पैम सॉफ्टवेयर एप इंस्टॉल ना करें|
* कार्य पूरा हो जाने के बाद बैंकिंग ऐप को लॉग आउट कर दें|
Be careful
before using online transactions, keep in mind that your internet connection is password-protected, how to do free or internet banking or online transactions with free Wi-Fi.
Most online banking websites are accessed from home or from the office to secure the logging off of the computer and to delete the memory periodically.
Do not give banking information
Many times, thugs call themselves as bank officials and ask for information related to the card.
Whenever such phone calls come, be careful that you see every such call in the evening and keep the details of the person concerned.
Talk to the bank if you can not share the card information at all.
When you pay by using credit debit card in petrol pump restaurant etc., people are present there at that time. Many times people take the card in. In such a situation, the card is likely to be cloned.
ऐसे होती है सूचनाओं की
एटीएम से पैसे निकालने के दौरान
अक्सर आपने भी सुना होगा कि लोगों के एटीएम से पैसे निकल जाते हैं |
कई बार ठग एटीएम में छिपे हुए कैमरे लगा देते हैं|
जिसके जरिए पिन नंबर आदि चुरा लेते हैं|
कई बार वे एटीएम को जमा भी कर देते हैं इससे कस्टमर पिन और दूसरी डीटेल्स तो डाल देता है |
लेकिन पैसे नहीं निकल पाते इसके बाद जब कस्टमर चले जाते हैं तो ठग बाद में पैसे निकाल कर ले जाते हैं|
जाली माइक्रो एटीएम इंस्टॉल करके भी कार्ड डिटेल हासिल की जा सकती है
पीओएस मशीनें
अनऑथराइज्ड पीओएस डिवाइस इस क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड को
स्वाइप करते समय उनकी डिटेल्स की कॉपी कर सकते हैं |
इन डिवाइस इस पर आपके कार्ड के सामान जाली कार्ड बनाया जा सकता है|
डिजिटल वॉलेट
ऑन अपराध आसान टारगेट होते हैं|
वॉलेट ट्रांजैक्शन अक्सर कम अमाउंट की होती है और
इस वजह से बहुत से वॉलेट एडवांस्ड सिक्योरिटी सिस्टम का इस्तेमाल नहीं करते और ऐसे में साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाता है|
कई वॉलेट वाले एप्स अपने यूजर्स को उनके वॉलेट अकाउंट में साइन इन रखते हैं और इससे हैकर के लिए धोखाधड़ी करने में आसानी होती है|
फिशिंग से रहे अलर्ट
फिशिंग ऐसी ईमेल है जिसे लोगों को हंसाने के लिए भेजी जाती है|
यह बंकिया किसी शॉपिंग वेबसाइट या बड़े कारोबारी संस्थान से भेजी हुई प्रतीत होती है|
इनके माध्यम से आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगने की कोशिश की जाती है लिंक पर क्लिक करते ही नकली वेबसाइट खुल जाती है|
जैसे ही आप अपना यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करते हैं आपको मोबाइल नंबर, लॉगइन आईडी पासवर्ड डेबिट कार्ड,क्रेडिट कार्ड संबंधित जानकारी सीवीवी ,जन्मतिथि आदि की चोरी की जा सकती है |
1 comment:
wao great post https://www.paymeurl.com
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